नई दिल्ली। अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने नया इतिहास रचा। उन्होंने शपथ लेते ही ताबड़तोड़ बड़े फैसले किए। जिससे न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में हलचल मच गई। ट्रंप ने अपने भाषण में अमेरिका फर्स्ट रखने का वादा दोहराया और कई कठोर नीतियों की घोषणा की।
उन्होंने 2015 में पेरिस में हुए जलवायु समझौते से अमेरिका के निकलने का आदेश जारी किया। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की सदस्यता से भी बाहर करने का आदेश जारी किया है।
ट्रंप ने कहा कि वो 6 जनवरी 2021 को कैपिटल पर हिंसा मामले में दोषी पाए गए सभी 1500 लोगों को आम माफी देने जा रहे हैं। इसके अलावा कोविड वैक्सीन न लगवाने पर सेना से बाहर किए गए 8000 सैनिकों को दोबारा नौकरी देने और बाहर रखे जाने तक के वक्त की तनख्वाह देने का भी ऐलान किया।
ट्रंप ने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति जो बाइडेन के दौर के 78 फैसलों को रद्द करने का भी फैसला किया। वहीं, अमेरिका में एलजीबीटीक्यू समुदाय को जोरदार झटका देते हुए ये फैसला भी किया कि अब वहां दो ही लिंग पुरुष और महिला माने जाएंगे।
ट्रंप ने कहा कि वो पहले की सरकार के दौर में लिए गए विनाशकारी फैसलों को खत्म करने वाले हैं। उन्होंने बाइडेन सरकार को अमेरिका की सबसे खराब सरकार भी बताया। मेक्सिको और कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला भी ट्रंप ने किया है। संघीय सरकार में मेरिट के आधार पर अब नियुक्ति होगी।
साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने फैसला किया है कि सरकारी सेंसरशिप खत्म होगी और इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने या न खरीदने का फैसला लोग कर सकेंगे। ताकि अमेरिका के वाहन उद्योग को बचाया जा सके।
अमेरिका में जन्म होने पर ही नागरिकता मिलने का प्रावधान भी डोनाल्ड ट्रंप खत्म कर रहे हैं। मेक्सिको सीमा पर आपातकाल लागू करने का भी ट्रंप ने फैसला किया है। अमेरिका में ड्रग्स का काम करने वालों को आतंकी घोषित किया जाएगा।
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने ये भी कहा है कि अमेरिका की सेना अब किसी के लिए नहीं लड़ेगी। उन्होंने ये भी कहा कि व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन से युद्ध न रोककर रूस को विनाश की ओर ले जा रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के इन फैसलों खासकर ऊर्जा आपातकाल लागू करने और पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने का दुनिया पर असर देखने को मिल सकता है।